Sheetla Ashtami 2025: शीतला अष्टमी का व्रत, महत्व और वैज्ञानिक तथ्य

शीतला अष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो मुख्य रूप से मां शीतला देवी की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में शीतला अष्टमी का व्रत 22 मार्च 2025, शनिवार को सुबह 4:23 बजे से शुरू होगा। इस दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है, जिसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही महत्व है। आइए, इस त्योहार के बारे में विस्तार से जानते हैं।

शीतला अष्टमी का धार्मिक महत्व

शीतला अष्टमी का व्रत मुख्य रूप से मां शीतला देवी को समर्पित है। मां शीतला को स्वास्थ्य और स्वच्छता की देवी माना जाता है। यह मान्यता है कि मां शीतला अपने भक्तों को बीमारियों, विशेषकर चेचक, खसरा और अन्य संक्रामक रोगों से बचाती हैं।

पौराणिक कथा

पुराणों के अनुसार, मां शीतला ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए बीमारियों को नष्ट करने का वरदान दिया था। इसलिए, इस दिन उनकी पूजा करने और व्रत रखने से घर में स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

बासी भोजन का महत्व

शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा इसलिए है क्योंकि मान्यता है कि मां शीतला बासी भोजन से प्रसन्न होती हैं। इसके पीछे धार्मिक मान्यता यह है कि बासी भोजन का सेवन करने से शरीर की गर्मी शांत होती है और बीमारियों से बचाव होता है।

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शीतला अष्टमी व्रत की विधि

शीतला अष्टमी का व्रत रखने के लिए विधि

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें

व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. मां शीतला की पूजा करें

मां शीतला की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उन्हें बासी भोजन का भोग लगाएं। इसके बाद धूप, दीप, फल और फूल अर्पित करें।

3. व्रत कथा सुनें

पूजा के बाद शीतला अष्टमी की व्रत कथा सुनें। यह कथा मां शीतला के महत्व और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए सुनाई जाती है।

4. बासी भोजन का सेवन करें

पूजा के बाद बासी भोजन का सेवन करें। इस दिन ताजा भोजन बनाना वर्जित माना जाता है।

शीतला अष्टमी 2025 की तिथि और मुहूर्त

  • तिथि: 22 मार्च 2025, शनिवार
  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: सुबह 4:23 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 23 मार्च 2025, रविवार को सुबह 6:41 बजे
  • पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:30 बजे से 9:00 बजे तक

शीतला अष्टमी का सामाजिक महत्व

शीतला अष्टमी का त्योहार न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह त्योहार लोगों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करता है। इस दिन लोग अपने घरों और आसपास के वातावरण को साफ-सुथरा रखते हैं, जो समाज के लिए एक अच्छा संदेश है।

शीतला अष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। यह न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाता है बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन मां शीतला की पूजा करने और बासी भोजन का सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। साल 2025 में शीतला अष्टमी का व्रत 22 मार्च को मनाया जाएगा। इस पावन अवसर पर मां शीतला की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखें और उनकी पूजा करें।

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